Insurance Policy के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट खो गए हैं? ये काम नहीं किया तो पैसे देने से मना कर सकती है कंपनी
Insurance Policy: इंश्योरेंस पॉलिसी के बेनेफिट क्लेम करने के लिए पॉलिसी के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट होना जरूरी है. लेकिन अगर आपने पेपर्स तो खो दिए हैं, तो आपको पॉलिसी के बेनेफिट क्लेम करने में दिक्कत हो सकती है.
Insurance Policy: इंश्योरेंस पॉलिसी के बेनेफिट क्लेम करने के लिए सबसे पहली शर्त होती है पॉलिसी के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट होना. अगर आपको इनकी जरूरत पड़ी है और अब आप अपने डॉक्यूट्स ढूंढ रहे हैं, लेकिन पता चलता है कि आपने पेपर्स तो खो दिए हैं. अगर आपके साथ ऐसा है तो आपको पॉलिसी के बेनेफिट क्लेम करने में दिक्कत हो सकती है. पॉलिसी के मैच्योर होने पर या फिर नॉमिनी की डेथ हो जाने की स्थिति में अगर पॉलिसी की रकम क्लेम करनी हो तो इसके लिए वैलिड आईडी प्रूफ के साथ पॉलिसी के सारे डॉक्यूमेंट पेश किए जाने जरूरी होते हैं. लेकिन कुछ कारण हो सकते हैं, जिसके चलते पॉलिसीहोल्डर्स के पास ओरिजिनल डॉक्यूमेंट नहीं होता. अगर आपके साथ भी ऐसी स्थिति है, तो आपको तुरंत कुछ स्टेप्स उठाने चाहिए.
1. इंश्योरेंस कंपनी को बताएं
अपनी इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत इसकी जानकारी दें. आपने अगर किसी एजेंट से पॉलिसी खरीदी थी, तो उसे भी कॉन्टैक्स कर सकते हैं. आपको इसके बाद डुप्लीकेट इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए ऐप्लीकेशन डालना होगा. इसके साथ आपको इंश्योरर के पास एफआईआर की एक कॉपी, एक एडवर्टीजमेंट और एक इन्डेम्निटी बॉन्ड भी जमा करना होगा.
2. एडवर्टीजमेंट देना चाहिए
संपर्क करने पर आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपको न्यूजपेपर में एक विज्ञापन प्रकाशित करवाने को कह सकती है, जिसमें आपको यह सार्वजनिक घोषणा करनी होगी कि आपने अपने पॉलिसी के डॉक्यूमेंट खो दिए हैं. पॉलिसी बॉन्ड जहां खोया है, ये ऐड उसी राज्य में छपना चाहिए.
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3. पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं
आपकी इंश्योरेंस कंपनी इस बात पर भी जोर दे सकती है कि आप पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराएं कि आपके पॉलिसी के पेपर खो गए हैं. इससे आपका दावा वेरिफाई होता है और डुप्लीकेट कॉपी की मांग पुष्ट होती है. इस कंप्लेन का लेटर भी आपको इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा कराना होगा.
5. Indemnity Bond पर करने होंगे हस्ताक्षर
आपको एक Indemnity Bond पर भी हस्ताक्षर करने पड़ सकते हैं. इसके लिए आपको नॉन-ज्युडिशियल स्टांप पेपर साइन करना पड़ सकता है. Indemnity Bond पर इंश्योरर और पॉलिसीहोल्डर साइन करते हैं. यह बॉन्ड सुनिश्चित करता है कि डुप्लीकेट कॉपी जारी करने के दौरान ओरिजिनल डॉक्यूमेंट का कोई गलत इस्तेमाल न हो. ओरिजिनल डॉक्यूमेंट का दुरुपयोग होने पर इससे इंश्योरेंस कंपनी को सुरक्षा मिलती है. इसमें यह भी कहा जाता है कि अगर पॉलिसीहोल्डर को पुराने डॉक्यूमेंट्स बाद में मिल जाते हैं तो उसे कंपनी को लौटा देना होगा.
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यह पूरा प्रोसेस कंप्लीट होने के बाद आपकी इंश्योरेंस कंपनी इनका वेरिफिकेशन करेगी और सबकुछ ठीक होने पर आपके पॉलिसी बॉन्ड की डुप्लीकेट कॉपी दे देगी. याद रखिए कि आपकी इस प्रति पर यह साफ-साफ लिखा होगा कि यह डुप्लीकेट कॉपी है.
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03:57 PM IST